भोपाल के छोला मंदिर इलाके में रहने वाले संदीप प्रजापति का अपहरण कर देलावाड़ी के जंगल में हत्या कर दी गई। मामले में पुलिस ने एक आरोपी उत्कर्ष भूमियार को बिहार से गिरफ्तार किया है। जबकि मुख्य आरोपी अवकेश पुलिस गिरफ्त से दूर है। अब तक की जांच में स्पष्ट हो गया है कि मुख्य आरोपी असम, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में कई वारदातों को अंजाम दे चुका है।
इंदौर में एक युवक को अगवा कर परिजनों से फिरौती वसूल चुका है। किशनगंज थाने में इस मामले की एफआईआर दर्ज है। वह असम और पश्चिम बंगाल में माल से भरे ट्रक हड़पकर ठिकाने लगा चुका है। पुलिस को उम्मीद है कि उसकी गिरफ्तारी के साथ ही कई अन्य वारदातों का खुलासा भी हो सकता है। थाने की दो टीमें सहित क्राइम ब्रांच की एक टीम उसकी तलाश में जुटी है।
हत्या करने बिहार से बुलाए बदमाश
पुलिस गिरफ्त में आया बदमाश उत्कर्ष बिहार के बेगूसराय के करीब एक गांव का रहने वाला है। उसके खिलाफ पूर्व में भी अपराध दर्ज हैं। उसने पुलिस को बताया कि एक दोस्त के माध्यम से उसकी अवकेश से मुलाकात हुई थी। तब वह बिहार में ही रहता था।
बिहार में भी उसने आपराधिक घटना की और फरार हो गया। अचानक उसका फोन बीते नवंबर महीने में आना शुरू हुआ। उसने अपने बदली लाइफ स्टाइल के बारे में बताया और कहा कि वह भोपाल में ट्रांसपोर्ट में काम कर हजारों रुपए महीना कमा रहा है।
हम बेरोजगार हैं, ऐसे में उसने लालच दिया कि भोपाल में काम दिला देगा। लेकिन, इससे पहले एक काम में उसकी मदद करना होगी। इस बात की जानकारी किसी को नहीं लगेगी। इस काम के एवज में उसे अलग से रकम दी जाएगी। काम पूछा तो कहा कि भोपाल आने के बाद ही बताऊंगा। उसकी बातों में आकर मैं और मेरा एक साथी एक दिसंबर को भोपाल पहुंचे।
यहां अवकेश ने हमें एक कमरे में ठहराया। अगले दिन घूमने का प्लान बनाया। हमें कहा कि सलकनपुर में प्रसिद्ध मंदिर है, वहां दर्शन भी करेंगे। यहां तक उसने हमें इस बात की जानकारी नहीं दी कि वह किसी की हत्या करना चाहता है। 2 दिसंबर को मिसरोद में एक युवक से दोस्त बताकर मुलाकात कराई। यह युवक संदीप प्रजापति था। इसके बाद चारों मिसरोद से रवाना हो गए। जंगल (देलावाड़ी) में शराब पार्टी की और ढाबे पर खाना खाया।
इसके बाद अवकेश ने मुखबिरी और एक लड़की की बात को लेकर संदीप से विवाद शुरू कर दिया। उसने हमें भी उसके साथ मारपीट के लिए मजबूर किया। अवकेश ने झांसा दिया था कि अगर वह संदीप की हत्या करने में सहयोग करेंगे तो मोटी रकम मिलेगी। जंगल में हत्या के बाद जानवर शव को खा जाएंगे। किसी को पता तक नहीं चलेगा। तब हमने भी उसे पीटा। इसी बीच अवकेश ने संदीप के सिर में बड़ा पत्थर मार दिया। इसके बाद लहूलुहान हालत में उसके फोटो लिए। बाद में तड़पते संदीप पर कई वार पत्थर से किए। उसकी मौत के बाद तीनों वहां से भाग निकले।
पुलिस के लिए रहस्य बना अवकेश
हत्याकांड का मुख्य आरोपी अवकेश पुलिस के लिए रहस्य बन गया है। पुलिस की जांच में साफ हुआ कि वह अलग-अलग आधार कार्ड और पहचान पत्र का इस्तेमाल करता है। उसके पास चार से पांच आधार कार्ड हैं। किसी को मूल रूप से बिहार तो किसी को तेलंगाना का निवासी बताता है। कई लोगों को वह अपने आपको अनाथ भी बता चुका है।
आरोपी लगातार लोकेशन चेंज कर रहा है, फरारी के दौरान पश्चिम बंगाल में उसकी लास्ट लोकेशन ट्रेस की गई थी। इसके बाद से ही उसका मोबाइल नंबर लगातार बंद जा रहा है। पूर्व में भी असम, हैदराबाद, इंदौर और बिहार में आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के बाद फरार रहा और किसी के हाथ नहीं आया।
इससे पुलिस को अनुमान है कि नए राज्य में आरोपी नई पहचान के साथ रहता है। इससे वह पकड़ में नहीं आता। पुलिस को अब तक उसका कोई सगा संबंधी नहीं मिला है। जिससे यह साफ हो सके कि वह मूल रूप से कहां का रहने वाला है और उसकी उसल पहचान क्या है।
मुखबिरी की जानकारी मिलने पर हत्या
आरोपी अवकेश इंदौर पुलिस का वांटेड है, क्योंकि अवकेश और संदीप के बीच पूर्व में विवाद हो चुका था। संदीप की बहन को भी आरोपी परेशान करता था, उसे सबक सिखाने की नीयत से संदीप इंदौर पुलिस के संपर्क में आया। शराब के नशे में अवकेश ने ही इंदौर से फरारी की बात संदीप को बताई थी। जब अवकेश को इस बात की जानकारी मिली की संदीप उसकी मुखबिरी कर गिरफ्तार कराना चाहता है तो उसने संदीप की हत्या कर दी।
संदीप को मिलने के लिए तय स्थान पर न बुलाते हुए दूसरे स्थान पर बुलाया गया था। पुलिस ने सभी राज्यों से अवकेश की आपराधिक प्रकरणों की जानकारी मांगी है। अवकेश की पहचान के नाम पर पुलिस के पास केवल उसका एक फोटो, आधार कार्ड की कॉपी और लाइसेंस की कॉपी है। यह सभी इंदौर के पते पर बने दस्तावेज हैं।