पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक नदी जोड़ो परियोजना के लिए 17 दिसम्बर को जयपुर में मप्र और राजस्थान केंद्र के साथ ऐतिहासिक त्रि-स्तरीय अनुबंध पर हस्ताक्षर करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस अवसर पर मौजूद होंगे। योजना से मालवा और चंबल क्षेत्र के 11 जिलों के 2012 गावों को सिंचाई सुविधा मिलेगी।
इसके अलावा प्रदेश के कई जिलों को पेयजल भी मिलेगा। योजना से मप्र के गुना, शिवपुरी, सीहोर, देवास, राजगढ़, उज्जैन, आगर-मालवा, इंदौर, शाजापुर, मंदसौर एवं मुरैना के किसानों को सिंचाई के लिए पानी और पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश का मालवा अंचल औषधीय फसलों के साथ अन्य फसलों के उत्पादन में अग्रणी रहा है। परियोजना से मिलने वाले जल से किसान अपनी उपज को दोगुना कर सकेंगे, जिससे उनके परिवार के साथ प्रदेश भी समृद्ध होगा। इस परियोजना से दोनों राज्यों में समृद्धि आयेगी।
कुल 6.13 लाख हेक्टेयर में हो सकेगी सिंचाई
इस परियोजना से मप्र में लगभग 6 लाख 13 हजार हेक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी। इससे 40 लाख किसान परिवार लाभान्वित होंगे। परियोजना की कुल जल भराव क्षमता 1908.83 घन मीटर होगी। साथ ही 172 मिलियन घन मीटर जल, पेयजल और उद्योगों के लिए आरक्षित रहेगा। परियोजना अंतर्गत 21 बांध/बैराज निर्मित किए जाएंगे।
पार्वती-कालीसिंध-चंब ल लिंक परियोजना की अनुमानित लागत 72 हजार करोड़ है, जिसमें मध्यप्रदेश 35 हजार करोड़ और राजस्थान 37 हजार करोड़ रुपए व्यय करेगा। केंद्र की इस योजना में कुल लागत का 90 प्रतिशत केद्रांश और 10 प्रतिशत राज्यांश रहेगा। ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट इस योजना से जुड़ेगा।
ग्वालियर अंचल को मिलेगा दो योजनाओं का लाभ: सीएम मुख्यमंत्री ने रविवार को ग्वालियर के अटल बिहारी अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में युवा संवाद कार्यक्रम में कहा कि ग्वालियर अंचल को दो नदी जोड़ी परियोजनाओं का लाभ मिलेगा। केन-बेतवा लिंक परियोजना के साथ पावर्ती-काली-सिंध-चंबल लिंक परियोजना का भी क्रियान्वयन आरंभ हो रहा है। शिवपुरी एक मात्र ऐसा जिला होगा, जो इन दोनों महत्वाकांक्षी परियोजनाओं से लाभान्वित होगा।
मप्र में सिंचाई सुविधा दोगुना करने का लक्ष्य
वर्तमान में मप्र में लगभग 51 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो रही है। सरकार का संकल्प इसे बढ़ाकर 1 करोड़ हेक्टेयर करने का है। पार्वती-का लीसिंध-चंब ल लिंक परियोजना और केन-बेतवा लिंक परियोजना से इस लक्ष्य के करीब पहुँचने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही प्रदेश में अन्य बड़ी सिंचाई परियोजनाओं पर भी तेजी से काम किया जा रहा है।